Thursday, November 21, 2024
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रामनगर के एकम सिंह संधू ने “किसमें कितना है दम” टीवी शो में हासिल किया प्रथम स्थान

मो कैफ खान/रामनगर,नैनीताल।

रामनगर। के एकम सिंह संधू ने “किसमें कितना है दम” टीवी शो के ग्रैंड फिनाले में हासिल किया प्रथम स्थान। उत्तराखंड के लोगों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है हर फील्ड में उत्तराखंड के लोग अपना दम दिखाते हैं चाहे वह किसी भी फील्ड में हो इतिहास में ऐसे बहुत से प्रतिभाशाली लोगों के नाम हैं। इन्हीं प्रतिभाशाली लोगो में एक है उत्तराखण्ड के रामनगर के एकम सिंह संधू जिन्होंने सुविधाओं का अभाव होते हुए भी अपनी मेहनत के दम पर प्रथम स्थान हासिल किया है इससे पहले भी एकम सिंह संधू कई ऐसे शो में प्रथम स्थान लाए हैं। हाल ही में 26 तारीख को पंजाब में हुए किसमें कितना है दम ग्रैंड फिनाले टीवी शो में अपने टैलेंट हुनर के दम पर एकम सिंहसंधू ने जूनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार हासिल कर उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया। एकम सिंह संधू उत्तराखंड के रामनगर में नन्हे डांसर के नाम से काफी चर्चित है जिन्होंने कम उम्र में ही अपनी फेन फॉलोइंग बनाई है। वहीं उनकी माता लवजीत कोर संधू और पिता गुरदेव सिंह संधू एकम सिंह संधू की मेहनत को निखारने में लगे हैं। एकम सिंह संधू ने सिर्फ डांस में ही नहीं बल्कि मॉडलिंग में भी कई खिताब अपने नाम किए है। लेकिन बताया जाता है की डांस के प्रति एकम सिंह संधू ज्यादा रुचि रखते हैं इसलिए मां-बाप ने एकम सिंह संधू का डांस की और ज्यादा फोकस करना शुरू कर दिया। एकम सिंह संधू उत्तराखंड स्तर पर कई खिताब अपने नाम भी कर चुके हैं।एकम सिंह संधू के इस छुपे हुए टैलेंट को पहचानने में सबसे बड़ा योगदान एकम सिंह संधू कि मां लवजीत कौर संधू का रहा। लवजीत कौर संधू का जब भी ध्यान एकम सिंह संधू पर जाता तो वो कुछ ना कुछ डांस के रूप में करता हुआ दिखाई देता जिसको लेकर एकम सिंह संधू की मां लवजीत कौर संधू ने उसके टैलेंट को निखारने के लिए डांस एकेडमी ज्वाइन करा दी।

जिसके बाद एकम सिंह संधू ने अपने डांस के बल पर लोगों के दिलों पर राज करना शुरू कर दिया एक के बाद एक प्रतियोगिताओं में खिताब जीतने शुरू कर दिए और मेडल लाकर रामनगर का गौरव बढ़ाया है।एकम सिंह संधू के पिता गुरदेव सिंह संधू भी अपने पुत्र के सपनों को साकार करने के लिए दिन रात मेहनत करने में लगे रहते है। और उनकी हर जरूरत को पूरा करने के प्रयास में जुटे रहते हैं। एकम सिंह संधू अभी 13 वर्ष के हुए हैं लेकिन इस छोटी सी उम्र में जो मुकाम उन्होंने हासिल कर दिखाया। वो काबिले तारीफ है। वहीं एकम के कोच पंकज की भी अहम भूमिका उनके टैलेंट को निखारने में रही है वही एकम को गाइड करते आ रहे हैं। वही एकम के परिवार वालों व उनके आस पड़ोस के लोगों ने शुभकामनाएं व अपना आशीर्वाद दिया और उनके उज्जवल भविष्य के लिए भी कामना की।

Rafi Khan
Rafi Khan
Editor-in-chief
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