रफी खान/ संपादक
काशीपुर। स्व पंडित नारायण दत्त तिवारी की कर्मभूमि रही काशीपुर लंबे समय से बीजेपी का गण बनी हुई है,बात विधानसभा की हो या नगर निगम महापौर के पद की दोनों में ही बीते कई चुनावों में कांग्रेस को हार का मुंह ही देखना पड़ रहा है। जहां अबतक भाजपाई समीकरण के आगे कांग्रेस के सारे समीकरण फ्लॉप साबित हुए है तो वहीं इस बार कांग्रेस महानगर अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन की कयादत में चुनावी समीकरण की गोटियां धीरे धीरे अपने खांचे में फिट होती दिखाई पड़ रही है।
काशीपुर नगर निगम की सीट से अभी तक किसी बड़े मुस्लिम चेहरे का सामने न आना जहां कांग्रेस के लिए वरदान साबित हो सकता है तो दूसरी और गुटबाजी खत्म होने से कांग्रेस अपनी खोई हुई साख बहाल करने के साथ साथ निगम के मेयर पद पर कब्जा जमा सकती है। पिछले कई वर्षों से चुनावी तैयारी को लेकर संघर्ष कर रहे कांग्रेस नेता संदीप सहगल पर कांग्रेस हाईकमान अपना दांव लगाने जा रही है ऐसा सूत्र बताते हैं।
यदि कांग्रेस पार्टी संदीप सहगल को मैदान में उतरती है और दूसरी और बीजेपी से राम मेहरोत्रा को यदि प्रत्याशी बनाया जाता है तो निसंकोच घमासान दिलचस्प होगा। फिलहाल अभी भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने पत्ते नहीं खोले हैं उम्मीद है दोनों पार्टियां कुछ ही घंटों में अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर सकती है। जिसके बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि इस बार काशीपुर में राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा।