रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
रामनगर। नगर निकाय चुनाव के माहौल में हर तरफ प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की चर्चा जोरों पर है। हर प्रत्याशी के समर्थक अपने नेता को विजेता मानते हुए उनके पक्ष में पूरी ताकत झोंक रहे हैं पोस्टर, रैली और सोशल मीडिया पर प्रचार की होड़ मची हुई है। लेकिन असली फैसला रामनगर की जनता करेगी, जो फिलहाल चुप है और 23 तारीख को अपने वोट से जवाब देगी। प्रत्याशियों के दावे और समर्थकों का उत्साह हर प्रत्याशी के समर्थक दावा कर रहे हैं कि उनका उम्मीदवार जीत का परचम लहराएगा।
जनसभाओं और नुक्कड़ सभाओं में बढ़ती भीड़ को देखकर प्रत्याशियों की उम्मीदें और अधिक मजबूत हो रही हैं। सोशल मीडिया पर भी प्रचार का दौर तेज है, जहां हर गुट अपने प्रत्याशी को जनता का सबसे बड़ा हितैषी बता रहा है। रामनगर की जनता फिलहाल चुप है। बाजारों, गलियों, और चौपालों में चुनावी चर्चा तो खूब हो रही है, लेकिन वोटर अपने फैसले को अभी तक सार्वजनिक नहीं कर रहे। जनता को सब पता है। प्रत्याशियों की पृष्ठभूमि, उनके वादे और पिछले कार्यकाल के प्रदर्शन पर चर्चा जारी है। 23 तारीख का इंतजार: जनता का मानना है कि असली फैसला वोटिंग से निकलेगा, जहां हर वोट रामनगर के भविष्य की कहानी लिखेगा। प्रत्याशियों की असली परीक्षा क्या पुराने नेता अपनी पहचान और काम के दम पर जनता का भरोसा जीत पाएंगे? क्या नए चेहरे बदलाव का वादा कर जनता का समर्थन हासिल करेंगे? क्या जनता वादों के आधार पर वोट करेगी, या सच्चाई और प्रदर्शन को तरजीह देगी? रामनगर निकाय चुनाव सिर्फ प्रत्याशियों की परीक्षा नहीं है, बल्कि जनता की समझदारी और विवेक का भी इम्तिहान है। 23 तारीख को वोटिंग के बाद ही यह तय होगा कि जनता ने किसे अपना नेता चुना। “जनता ही असली जनार्दन है ।सोच-समझकर फैसला लें और वोट करें। क्योंकि आपका वोट ही आपके क्षेत्र का भविष्य तय करेगा।”