स्पेशल रिपोर्ट, रफ़ी खान / काशीपुर उत्तराखंड।
काशीपुर के इतिहास में पहली बार 135 फिट ऊंचे राष्टीय ध्वज को स्थापित कर उस गौरवशाली पल के लोकार्पण पर काशीपुर की जनता को आखिर क्यों वंचित रखा गया है इसका जवाब देह कोन होगा। क्यों आखिर इस इतिहासिक दिन को सिर्फ एक पार्टी विशेष से जोड़कर किया गया, राष्टीय ध्वज देश का स्वाभिमान तिरंगा देश की शान और भारत माता की जय जयकार के नारो की बजाय आखिर क्यों एक पार्टी विशेष के नारे लगाए गए…. ये वक्तव्य हमारे नहीं बल्कि शहर की फिजाओं में गर्दिश कर रहे लोगो के है।
जी हां नगर क्षेत्र के कई सम्मानित लोगो का स्पष्ट कहना है की नगर निगम द्वारा क्षेत्रवासियों के इस इतिहासिक दिन को भाजपा के इतिहासिक दिन में बदलकर प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमे अन्य राजनीतिक दलों के वरिष्ट पदाधिकारियों तक को निमंत्रण ही नहीं दिया गया यही नहीं पूर्व पालिका अध्यक्ष शमसुद्दीन ने भी बताया कि नगर निगम की ओर से उनको इस गौरवशाली प्रोग्राम के लिए किसी तरह का कोई नियंत्रण नहीं था।
वही इसपर जब स्थानीय कांग्रेस,बसपा और सपा नेताओं से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहां दूसरे दलों और सामाजिक संगठनों को आमंत्रित न कर नगर निगम ने अपनी मंशा को जगजाहिर कर दिया है नगर निगम अब बीजेपी निगम बनकर काम कर रहा है जहां इंसान के चेहरे और कपड़े देखकर उसका काम होता है।
वरिष्ट अधिवक्ता और कांग्रेस लीडर संदीप सहगल ने कहा कि राष्टीय कार्यक्रम को नगर निगम ने बीजेपी का प्रोग्राम बना डाला,यही नहीं राष्टीय ध्वज को फहराने के उपरांत निगम द्वारा राष्ट्रीय गान तक नहीं कराया गया जिसकी उन्होंने घोर शब्दो मे निंदा करते हुए कहा की प्रोग्राम में शामिल सभी भाजपाइयों ने राष्टीय गान न कर राष्टीय ध्वज का अपमान किया है।
दूसरी और कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन का कहना था कि नगर निगम को इस गौरवशाली पर लाने से पूर्व क्षेत्रीय सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी और सभी को साथ लेकर इस कार्यक्रम का आयोजन करना चाहिए था क्योंकि यह आयोजन किसी एक पार्टी विशेष का नहीं बल्कि राष्ट्रीय ध्वज प्रत्येक देशवासी की आन बान और शान है लेकिन नगर निगम ने इसको राष्ट्रीय कार्यक्रम ना बनाकर भाजपा का कार्यक्रम बना डाला जो की अफसोस जनक है।