रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
उत्तराखंड। रामनगर कांग्रेस में जारी गुटबाजी और आपसी मतभेद पार्टी की कमजोरी को एक बार फिर उजागर कर रहे हैं। निकाय चुनाव के मद्देनजर टिकट वितरण को लेकर लंबे मंथन के बावजूद महुवा खेड़ा गंज और रामनगर जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर पार्टी सहमति बनाने में विफल रही है। रामनगर में प्रत्याशी चयन पर पहली बार असमंजस रामनगर में कांग्रेस इस बार अपना प्रत्याशी तय नहीं कर सकी है। यह स्थिति पार्टी के भीतर नेतृत्व के अभाव और संगठनात्मक कमजोरी की ओर इशारा करती है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के गुटों के बीच जारी खींचतान ने संगठन की चुनावी तैयारियों पर गहरा असर डाला है।कार्यकर्ताओं और समर्थकों में बढ़ता असंतोष इस घटनाक्रम से पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय समर्थकों के बीच असंतोष बढ़ रहा है। स्थानीय स्तर पर कई कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि गुटबाजी और अंदरूनी मतभेदों को जल्द सुलझाया नहीं गया, तो इसका असर निकाय चुनाव के नतीजों पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कांग्रेस इस संकट का समाधान नहीं कर पाई, तो पार्टी को निकाय चुनावों के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनावों में भी राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। गुटबाजी के चलते पार्टी की छवि कमजोर हो रही है, जिसका सीधा फायदा विपक्षी दल उठा सकते हैं। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस गुटबाजी को कैसे संभालता है और पार्टी को एकजुट कर आगामी चुनावी चुनौतियों से कैसे निपटता है।