रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
रामनगर। नगर निकाय चुनावों के नजदीक आते ही रामनगर की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। कांग्रेस पार्टी द्वारा किसी भी प्रत्याशी को टिकट न देने और ओपन चुनाव लड़ने की घोषणा के बावजूद पार्टी के भीतर खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है।कांग्रेस के एक गुट से जुड़े पूर्व चेयरमैन ने पहले ही नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके समर्थक इसे पार्टी का सही निर्णय मानते हुए उन्हें चुनाव में जीत दिलाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। इस गुट का दावा है कि यह कदम कांग्रेस की नीतियों और जनता के हित में है। दूसरी ओर, कांग्रेस के ही दूसरे गुट ने अभी नामांकन दाखिल नहीं किया है, लेकिन उनकी तैयारी जोरों पर है। यह गुट पार्टी नेतृत्व के फैसले को लेकर असंतुष्ट दिख रहा है और अपनी रणनीति के तहत चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। इस घटनाक्रम से रामनगर की राजनीति बेहद दिलचस्प हो गई है। जनता इस गुटबाजी को कैसे देखेगी और इससे कांग्रेस को कितना नुकसान या फायदा होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
वहीं, विपक्षी दल इस गुटबाजी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर निशाना साधने की तैयारी में हैं। क्या कांग्रेस इन मतभेदों को समय रहते सुलझा पाएगी या गुटबाजी उसकी साख पर भारी पड़ेगी? यह सवाल रामनगर के सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।