उत्तराखंड के इस शहर में आज भी मकानों का गिरना जारी है जिसकी वजह से लोग खोफ के चलते अक्सर राते जागकर गुजारने को मजबूर हो चले हैं। यहां भरभरा कर कैसे ढह जातें है मकान,क्यों हैं लोग खोफ के साय में
काशीपुर में बारिश ने फिर ढाया सितम,एक मकान और गिरा, धामी सरकार के खिलाफ लोगो मे आक्रोश
रफ़ी खान /काशीपुर,उत्तराखंड।
उत्तराखंड के काशीपुर में दो दिन से लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर से अपना सितम ढाना शुरू कर दिया है जहां बारिश के चलते ढेला नदी से लगा एक मकान का लेटर भरभरा कर गिर गया गनीमत यह रही के मकान में कोई घर वाले मौजूद नहीं थे नहीं तो एक बार फिर से काशीपुर में मकान लेंटर गिरने से बड़ी जनहानि देखने को मिल सकती थी।
दो दिन से लगातार हो रही बारिश से रात ढेला बस्ती में एक मकान का लेटर और गिर गया है अब तक ढेला बस्ती में यह छठा मकान गिरा है इस आपदा के समय में पिछले 1 महीने से साये की तरह मधुबन नगर व रहमत नगर की जनता के साथ खड़े रहने वाले पूर्व पार्षद अब्दुल कादिर ने सरकार पर हमला वर होते हुए कहा कि प्रदेश की धामी सरकार आनद ले रही काशीपुर के लोगो की मुसीबत देख कर,मधुवन नगर और रहमत नगर के लोग लगातार भरभरा कर मकान के गिरने के क्रम की वजह से खोफज़दा जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि धामी सरकार पिछले 1 महीने से सब कुछ होता हुआ देख रही है मकान गिर रहे हैं नागेश्वर मंदिर पूर्णता क्षतिग्रस्त हो गया है उसके बाद भी धामी सरकार इन घटनाओं का आनंद ले रही है जबकि अभी तक भविष्य में होने वाले जान माल के नुकसान को बचाने के लिए शासन स्तर से सुरक्षा दीवार का कार्य हो जाना चाहिए था पता नहीं सरकार इतनी असंवेदनशील क्यों है ! आखिर सरकार यहां पर सुरक्षा दीवार क्यों नहीं बनना चाहती क्यों मकान को गिरता हुआ देख रही है !
हालांकि आपको बता दे की इस इलाके में आपदा को लेकर स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से सतर्क बना हुआ है, गुजरिश्ता दिनों में भारी बरसात के चलते हैं ढेला नदी से जुड़े जिन इलाकों में पानी से भारी नुकसान पहुंच सकता था इसकी मॉनिटरिंग प्रशासन ने पहले से ही कर एक बड़े खतरे को दूर करने में अहम किरदार अदा किया था यही नहीं खतरे की जद में आए लोगों को समय से पूर्व घरों से निकाल कर बड़ी जनहानि को भी रोकने में प्रशासन कामयाब रहा।