रफी खान /काशीपुर जिला उधम सिंह नगर
उत्तराखंड प्रदेश में एक ओर जहां मानसून के अलर्ट के बाद प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन आपदा के खतरों से निपटने को कई तरह की योजना और कार्यवाही को अमलीजामा पहनाने में व्यस्त है तो वही काशीपुर नगर निगम और स्थानीय प्रशासन की घोर लापरवाही अभी भी साफ नजर आ रही है। बरसात के मौसम में भी शहर की सड़को पर जगह-जगह कूड़े के अंबार लगे हुए है इससे जहां लोगों का जीना दूभर हो चुका है तो वही बारिश के चलते सड़को का यही कूड़ा पानी के बहाव से शहर के बीच गुजरने वाली नहरों और नालियों में समा जाता है जिससे थोड़ी बरसात से ही काशीपुर तालाब का रूप अख्तियार कर जाता है।
काशीपुर की दुर्दशा बयां करती यह तस्वीरे नगर निगम और उपजिला प्रशासन की पोल खोलती हुई साफ नजर आ रही हैं, बीते दिनों बारिश के दौरान डूबते काशीपुर की जो तस्वीरे आपने देखी थी उसमें इस कूड़े का भी अहम रोल था जिसकी वजह से बीते दिनों तालाब के रूप में बदले शहर में स्थानीय लोगो के साथ साथ यात्रियों को भी भारी परेशानियों से गुजरना पड़ा था।
यह हम ही नही कह रहे आपने वीडियो में सुना खुद नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त भी मानते है।
यहां दो ऐसे बड़े सवाल है जो जनता जानना चाहती है पहला बड़ा सवाल ये है कि इन दिनों जहां मौसम विभाग प्रदेश की जनता को तमाम खतरों से अलर्ट किए हुए है तो अचानक कभी भी भारी बारिश होती है तो यह कूड़ा आखिर बहता हुआ जाएगा कहां।
दूसरा बड़ा सवाल यह कि बीते चुनाव से पूर्व नगर निगम और महापौर को पानी पी पीकर कोसने वाले दीपक बाली आखिर कहां गुम है,उनकी नजर में अब नगर निगम केसे गंगा जल से नहा गया,शहर की जनता की उन्हे और चुनाव के दौरान सामने आने वाले नेताओ को आखिर धरातल की और जाता नगर क्यों नही दिखाई दे रहा।
जागीए नेताजी जागीए,जनता सोई हुई है आप तो जागीए…