यूं तो डॉक्टर्स को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन इंसान की छोटी सी गलती कब और किस इंसान को शैतान बना दे कहा नहीं जा सकता,बीती रात एक मासूम को अचानक हुए उल्टी दस्त की शिकायत पर अस्पताल में ले जाया गया जहां मासूम की दर्दनाक मौत हो गई जिसपर अक्रोशित लोगों ने पुलिस अधिकारियों से सरकारी अस्पताल की लापरवाही से मौत की शिकायत रखते हुए न्याय की गुहार की है।
मो कैफ खान / रामनगर ब्यूरो
दरअसल आपको बता दें कि उत्तराखंड के रामनगर में पीपीपी मोड पर गए सरकारी अस्पताल में एक लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां अस्पताल में भर्ती कराए गए 18 माह के मासूम अब्दुल कादिर की उपचार के दौरान मौत हो गयी, परिजनाें ने अस्पताल प्रशासन के उपर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।
आपको बता दें कि रामनगर के खताड़ी निवासी मोहम्मद रिजवान पुत्र लड्डन ने बताया कि उसके 18 माह के बेटे अब्दुल कादिर को बीती रात में उल्टी दस्त हो गए थे,जिसपर वह अपने मासूम अब्दुल कादिर को जब सरकारी अस्पताल में भर्ती करने के लिए ले गये तो अस्पताल प्रशासन ने उनको कभी आधार कार्ड लाने तो कभी आयुष्मान कार्ड लगाने के लिए इधर से उधर भेजते रहे।
मृतक मासूम बच्चे के पिता रिजवान ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने उसके बेटे के उपचार में लापरवाही बरती है, यदि समय रहते उसके बेटे को उपचार मिलता तो उसकी मृत्यु नहीं होती। वही बच्चे के परिजनों ने स्थानीय लोगों के साथ अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग को लेकर कोतवाली में तहरीर दी है । फिलहाल परिजनों को कोतवाल अरुण कुमार सैनी द्वारा आश्वस्त किए जाने के बाद मासूम को सुपर्दे खाक कर दिया गया।
रामनगर कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है अगर लापरवाही सही पाई गई तो उक्त डॉक्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।