रफ़ी खान/काशीपुर,उत्तराखंड।
काशीपुर में एक फेसबुकिया पत्रकार अपनी अज्ञानता के चलते समाज में जहर घोलने का काम कर रहा है जिसके द्वारा बीते दिनों काशीपुर में निकले जुलूस ए मुहम्मदी में तिरंगे का अपमान होना दर्शाया गया है। जबकि जशने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर काशीपुर की सर जमीं पर हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई एकता का प्रतिक यह तिरंगा शान से लहराता हुआ अपनी गाथा खुद बयां कर रहा है,किसी भी धार्मिक आयोजन में तिरंगे पर अपने धर्म के प्रतिक शब्द को छपवाना,लहराना अथवा नारे लगाना कैसे भला देश का अपमान हो सकता है।
अपने में अज्ञानता समेटने वाले शख्स को समझना चाहिए कि देश की एकता अखंडता के प्रतिक तिरंगे में जब अशोक चक्र स्थापित हो जाता है तो वह देश के प्रत्येक नागरिक की शान राष्ट्र ध्वज हो जाता है और यदि इसी तिरंगे में जब किसी राजनीतिक दल का चिन्ह आ जाता है तो वह राजनीतिज्ञ दल का परचम बन जाता है। देशभर में सैकड़ों कांग्रेस कार्यालयों में हाथ का चिन्ह छपा तिरंगा हर समय लहरा रहा है,क्या उनपर कभी नजर नहीं पड़ी समाज में जहर घोलने वाले ऐसे किसी शख्स की।
सोशल मीडिया में अपनी ओछी मानसिकता का परिचय देने वाले और समाज में मुसलमानो के खिलाफ जहर घोलने वाले लोगों पर आखिर इतनी दयालुता क्यों। प्रशासन को चाहिए कि काशीपुर में जुलूस ए मुहम्मदी में तिरंगे का अपमान किए जाने का वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर,जुलूस को और एक समुदाय विशेष को अपमानित करने वाले शख्स के खिलाफ कठोर कार्यवाही करे जिससे भविष्य में कोई और व्यक्ति किसी समुदाय अथवा धर्म विशेष पर ऐसा कोई संदेश जारी न कर सके जो देश की एकता अखंडता को प्रभावित करे।
भाई जान वह कौन व्यक्ति है जो इस तरह की ख़बर चला रहा है, जब जानकारी नही है तो जहर क्यो घोल रहा है।