उत्तराखंड में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां मानव तस्करों ने 17 और 14 साल की दो सगी नाबालिग बहनों को नोकरी का झांसा देकर उनका सौदा कर दिया था लेकिन समय रहते पुलिस ने छापा मारते हुए एक दंपति समेत छह मानव तस्करों को गिरफ्तार करते हुए दोनो बहनों की जिंदगी तबाह होने से बचा ली है।
रफ़ी खान / हरिद्वार, उत्तराखंड।
आपको बता दें ऑपरेशन स्माइल के तहत हरिद्वार पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बड़े खेल से पर्दाफाश किया है, दंपत्ति द्वारा मुनाफा कमाने के लिए दो नाबालिक लड़कियों का सौदे के लेनदेन से पहले आरोपियों को पकड़ लिया है। एसएसपी हरिद्वार परमेंद्र सिंह डोभाल ने पुलिस कार्यालय रोशनाबाद में प्रेस वार्ता के दौरान मामले का खुलासा किया है।
ऑपरेशन स्माइल के तहत संजय नगर टिबड़ी स्थित एक मकान में संदिग्ध गतिविधि होने के संबंध में मुखबिर द्वारा सूचना दी गई। सूचना का गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेकर एसएसपी के आदेश पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग ने छापेमारी कर 02 मासूम नाबालिक लड़कियों (17 व 14 वर्ष) को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के धंधे में जाने से ठीक पहले बचाते हुए इस गोरखधंधे के मास्टरमाइंड दंपत्ति तथा 4 दलालों को दबोचने में सफलता हासिल की।
नाबालिक युवतियों के घर से सम्बन्धित थाने से सम्पर्क करने पर जानकारी मिली कि परिजनों की शिकायत पर प्रयागराज में गुमशुदगी दर्ज कर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दोनों बालिकाओं की तलाश की जा रही थी। सूचना मिलने पर बालिकाओं के परिजन भी हरिद्वार पहुंच चुके हैं।
एसएसपी ने बताया की आरोपी दंपत्ति किराए का कमरा लेकर रह रही थी। जहां पिछले कुछ दिनों से उन्होंने अपने साथ 02 नाबालिक लड़कियों को रखा हुआ था। पुलिस टीम ने औचक छापेमारी की तो पता चला कि दोनों नाबालिक आपस में बहने हैं और अपने घर (प्रयागराज) से भागकर दिल्ली आयी थी। जहां आरोपी आलोक ने उन्हे नौकरी लगाने का झांसा दिया और अपने साथ टिबड़ी स्थित अपने कमरे पर ले आया। दंपत्ति ने लड़कियों को सज संवरकर धंधे के लिए तैयार रहने के लिए कहकर हर दिन दस हजार रुपए देने की बात कही थी। पूछताछ में पता चला कि आरोपी आलोक की पत्नी कुछ दलालों से बातचीत कर सौदा फाइनल करने के लिए बाहर गयी हुई है।
आरोपी आलोक को साथ लेकर पुलिस टीम ने सौदा करने आ रही दूसरी पार्टी की घेराबंदी के लिए अपना जाल बिछाकर चंडीघाट पूल के पास से सेंट्रो कार में सवार आरोपी महिला सहित लड़कियों का सौदा करने आए प्रवीण, रामकुमार, अनश व अनवर अंसारी को हिरासत में लिया। पुलिस टीम आरोपी आलोक की फरार पत्नी की तलाश में जुटी हुई है।
चंडीघाट चौक के पास से गिरफ्त में आए आरोपी से की गई पड़ताल में प्रारम्भिक तौर पर जानकारी मिली है। कि अभियुक्त आलोक इस गिरोह को समय समय पर लड़किया और महिलाएं सप्लाई करता था। जिन्हे गिरोह सस्ते दामों में खरीद कर या तो आगे बेच दिया जाता था या पैसे लेकर शादी करवा दी जाती थी।