रिपोर्टर मोहम्मद कैफ खान
रामनगर। नगर निकाय चुनाव का माहौल जोरों पर है। प्रत्याशी अपने वादों और प्रचार के साथ जनता के बीच सक्रिय हैं। लेकिन जनता के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज जो नेता वोट मांगने के लिए उनके दरवाजे पर खड़ा है, क्या वह चुनाव के बाद भी उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उपलब्ध रहेगा? चुनाव के दौरान जनता को कई वादे किए जाते हैं। नेता जनता को तरह-तरह के प्रलोभन देकर समर्थन मांगते हैं, लेकिन चुनाव के बाद उनकी उपलब्धता अक्सर गायब हो जाती है। ऐसे में जनता को यह ध्यान रखना चाहिए: प्रत्याशी की पृष्ठभूमि और उसके पिछले कामों और सामाजिक योगदान को जांचें। यह सोचें कि क्या प्रत्याशी के वादे व्यावहारिक हैं? क्या वे आपकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं? किसी भी तरह के प्रलोभन या दबाव में आकर वोट न दें। यह आपका अधिकार है, इसे समझदारी से इस्तेमाल करें। केवल उन प्रत्याशियों को चुनें, जो वाकई आपके क्षेत्र की तरक्की और आपकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। एक जागरूक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने वोट का इस्तेमाल सोच-समझकर करे। ऐसे प्रत्याशी को न चुनें जो केवल चुनावी मौसम में सक्रिय रहता है और बाद में गायब हो जाता है।आपका वोट न केवल एक नेता चुनने के लिए है, बल्कि यह आपके क्षेत्र और समाज के भविष्य का फैसला भी करता है। इसलिए, सोच-समझकर अपने वोट का इस्तेमाल करें और एक ऐसा प्रतिनिधि चुनें, जो आपकी उम्मीदों पर खरा उतर सके।
आज का वोट, आपके पांच साल के भविष्य का फैसला करेगा। इसे हल्के में न लें।”