रफी ख़ान/उत्तराखंड
देहरादून। कांग्रेस हाईकमान की अनदेखी के चलते हैं उत्तराखंड कांग्रेस को पुनः एक बार फिर जोर का झटका धीरे से लगने की संभावनाओं और अटकलों का बाजार गर्म है। सूत्र बताते हैं कि उत्तराखंड कांग्रेस के एक कद्दावर और नामी-गिरामी बड़े नेता जी एक बार फिर से बीजेपी का दामन थामने वाले हैं, इसमें कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन ऐसा होता है तो कांग्रेस का हाथ दुर्बलता को पहुंच जाएगा।
यह वही नेता जी हैं जो पूर्व में भी कांग्रेस को अलविदा कर बीजेपी में शामिल हो गए थे तथा जिसके कुछ समय बाद उन्होंने कांग्रेस में घर वापसी कर यह कहते पुनः कांग्रेस का दामन थाम लिया था की वह बीजेपी में घुटन महसूस कर रहे थे,अब माना जा रहा है कि उनकी फिर से वह घुटन खत्म हो गई है और वह पुनः कांग्रेस को जोर का झटका देने की जुगत में है। उनको एक बार फिर से लगने लगा है कि कांग्रेस के हाथ से ज्यादा मजबूत है मोदी का हाथ। अगर ऐसा है तो कांग्रेस के ये बड़े नेता जी जल्दी आपको बीजेपी की बैंत और सदस्यता लेकर कमल का फूल खिलाते हुए नजर आने वाले हैं यही नहीं सूत्र यह भी बताते हैं की नेता जी ने पुनः बीजेपी में आने की भाजपा हाई कमान के सामने जो शर्त पहुचाई है उसपर बीजेपी हाई कमान ने हरी झंडी का सिग्नल दे दिया है।
माना जा रहा है कि कांग्रेस हाई कमान की उत्तराखंड में कुछ खास तवज्जो न देने और एक ही व्यक्ति को कांग्रेस का सिरमौर मान कर चलने से खासे नाराज हैं जबकि सूत्रों का कहना हैं सच्चाई कुछ और है क्योंकि यह माना ही नही जा सकता के कांग्रेस ने उन्हे कुछ नही दिया। खुद कई बार नेता जी ने मीडिया के सामने कहा कांग्रेस ने उनको फर्श से अर्श तक पहुंचाया ऊंचे से ऊंचा ओहदा ही नही दिया बल्कि आज वह जहां खड़े हैं वो भी कांग्रेस की ही देन है।
राजनीतिक गलियारे में यह भी सुगबुगाहट जोर पकड़े हुए हैं कि जल्द ही यह नेता जी बीजेपी का दामन थाम कर आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के बैनर तले लोकसभा उम्मीदवार होंगे। इन सब बातो में कितनी सच्चाई है इसका दावा तो हम नही करते लेकिन इतना जरूर है की यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस को भी उत्तराखंड में बीजेपी के इस चौके के बदले छक्का मारना होगा अन्यथा उत्तराखंड की सियासत में आईसीयू में सांसे बहाल करने की कोशिश कर रही कांग्रेस पार्टी वेंटीलेटर पर पहुंच सकती है।